31.1 ‘जन स्वच्छता’ (नाली, शौचालाय, स्नानागार इत्यादि) की
जिम्मेवारी ग्राम पंचायतों, वार्ड/नगर/महानगर परिषदों को
सौंपी जायेगी।
31.2 ‘जन स्वास्थ्य’ (टीकाकरण आदि) की जिम्मेवारी
राज्य सरकारों की होगी। (हालाँकि जरुरत पड़ने पर राष्ट्रीय सरकार मदद करेगी।)
31.3 ‘जन चिकित्सा’ (बड़े ईलाज, ऑपरेशन इत्यादि) की जिम्मेवारी राष्ट्रीय सरकार उठायेगी। (राज्य
सरकार चाहे, तो अपनी समानान्तर चिकित्सा
व्यवस्था कायम कर सकती है।)
31.4 जन चिकित्सा के अंतर्गत
पंचायत/वार्ड स्तर पर ‘चिकित्सालय’, प्रखण्ड/नगर/उपमहानगर स्तर पर ‘अस्पताल’ और जिला/महानगर स्तर पर ‘बड़े अस्पताल’
स्थापित किये जायेंगे।
31.5 इन चिकित्सालय और अस्पतालों में
निम्न आयवर्ग के मरीजों से सामान्य ईलाज का 5 प्रतिशत, मध्यम आयवर्ग वालों से 50 प्रतिशत और उच्च आयवर्ग
वाले मरीजों से ईलाज का 90 प्रतिशत शुल्क वसूला जायेगा।
(निम्न आयवर्ग के कुछ परिवार ऐसे भी हो सकते हैं, जो 5 प्रतिशत शुल्क वहन करने में भी
समर्थ नहीं होंगे- ऐसे परिवारों से कोई शुल्क नहीं लिया जायेगा।)
31.6 बड़े, महँगे एवं प्राण-रक्षा से जुड़े ईलाज या ऑपरेशन का शत-प्रतिशत खर्च
राष्ट्रीय सरकार उठायेगी।
31.7 इन चिकित्सालय और अस्पतालों में
आयुर्वेद, होम्योपैथ तथा अन्य चिकित्सा
पद्धतियों के भी विभाग होंगे।
31.8 योगासन, प्राकृतिक चिकित्सा, एक्यूप्रेशर-जैसी
प्राकृतिक, सुरक्षित एवं सस्ती विधाओं से
लोगों का ईलाज करने की जिम्मेवारी स्वयंसेवी संस्थाओं को सौंपी जायेगी- राष्ट्रीय
सरकार इन्हें पंजीकृत कर नियमित अनुदान देगी।
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