अगर नेताजी सुभाष “दिल्ली पहुँच” जाते, तो जो तीन काम वे सबसे पहले करते, वे होते- 1. “औपनिवेशिक” शासन व्यवस्था को पूरी तरह से हटाकर समाजवादी किस्म की एक भारतीय व्यवस्था कायम करना, 2. देश के गद्दारों को राजनीति की मुख्यधारा से अलग करना (शायद वे उन्हें निर्वासित ही कर देते) और 3. भारतीय प्रशासन, पुलिस एवं सेना के सिर से “ब्रिटिश हैंग-ओवर” का भूत (अधिकारियों द्वारा जनता एवं मातहतों को गुलाम समझने की मानसिकता) उतारना। इसके बाद वे निम्न पाँच काम करते- 1. दस (या बीस) वर्षों के अन्दर हर भारतीय को सुसभ्य, सुशिक्षित, सुस्वस्थ एवं सुसंस्कृत बनाना, 2. हर हाथ को रोजगार देते हुए दबे-कुचले लोगों के जीवन स्तर को शालीन बनाना, 3. गरीबी-अमीरी के बीच की खाई को एक जायज सीमा के अन्दर नियंत्रित रखना, 4. देशवासियों को राजनीतिक रूप से इतना जागरूक बनाना कि शासन-प्रशासन के लोग उन पर हावी न हो सकें और 5. प्रत्येक देशवासी के अन्दर “भारतीयता” के अहसास को जगाना। इसके बाद ही वे नागरिकों के हाथों में “मताधिकार” का अस्त्र सौंपते। देखा जाय, तो यह अवधारणा आज भी प्रासंगिक है और इसी आधार पर यह दसवर्षीय “भारतीय राष्ट्रीय सरकार” का घोषणापत्र प्रस्तुत किया जा रहा है।

शुक्रवार, 5 अप्रैल 2024

14. आर्थिक विभाजन

 14.1 देश के नागरिकों को निम्न तीन आयवर्गों में बाँटा जायेगा-

(क) निम्न आयवर्गः 1 लाख रूपये से कम वार्षिक आय/6 एकड़ से कम कृषि भूमि।

(ख) मध्यम आय वर्गः 1 लाख से 3 लाख रूपये तक की वार्षिक आय/6 से 20 एकड़ तक कृषि भूमि।

(ग) उच्च आय वर्गः 3 लाख रूपये से अधिक वार्षिक आय/बीस एकड़ से अधिक कृषि भूमि।

(कृषि भूमि का उपर्युक्त रकबा मैदानी भाग के हिसाब से है, पहाड़ी भागों के लिए रकबा अपेक्षाकृत कम, तथा रेगिस्तानी इलाकों के लिए ज्यादा हो सकेगा।)

14.2 इसी प्रकार, उद्योग-धन्धों का भी वर्गीकरण किया जायेगा-

(क) लघु उद्यमः 6 लाख रूपये से कम वार्षिक टर्नओवर।

(ख) मध्यम उद्यमः 6 से 20 लाख रूपये तक का वार्षिक टर्नओवर।

(ग) वृहत् उद्यमः 20 लाख रूपये से अधिक वार्षिक टर्नओवर।

(टिप्पणीः रुपये के मूल्यतथा विशेषज्ञों की सलाह पर उपर्युक्त विभाजन को संशोधित किया जा सकता है।)

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