अगर नेताजी सुभाष “दिल्ली पहुँच” जाते, तो जो तीन काम वे सबसे पहले करते, वे होते- 1. “औपनिवेशिक” शासन व्यवस्था को पूरी तरह से हटाकर समाजवादी किस्म की एक भारतीय व्यवस्था कायम करना, 2. देश के गद्दारों को राजनीति की मुख्यधारा से अलग करना (शायद वे उन्हें निर्वासित ही कर देते) और 3. भारतीय प्रशासन, पुलिस एवं सेना के सिर से “ब्रिटिश हैंग-ओवर” का भूत (अधिकारियों द्वारा जनता एवं मातहतों को गुलाम समझने की मानसिकता) उतारना। इसके बाद वे निम्न पाँच काम करते- 1. दस (या बीस) वर्षों के अन्दर हर भारतीय को सुसभ्य, सुशिक्षित, सुस्वस्थ एवं सुसंस्कृत बनाना, 2. हर हाथ को रोजगार देते हुए दबे-कुचले लोगों के जीवन स्तर को शालीन बनाना, 3. गरीबी-अमीरी के बीच की खाई को एक जायज सीमा के अन्दर नियंत्रित रखना, 4. देशवासियों को राजनीतिक रूप से इतना जागरूक बनाना कि शासन-प्रशासन के लोग उन पर हावी न हो सकें और 5. प्रत्येक देशवासी के अन्दर “भारतीयता” के अहसास को जगाना। इसके बाद ही वे नागरिकों के हाथों में “मताधिकार” का अस्त्र सौंपते। देखा जाय, तो यह अवधारणा आज भी प्रासंगिक है और इसी आधार पर यह दसवर्षीय “भारतीय राष्ट्रीय सरकार” का घोषणापत्र प्रस्तुत किया जा रहा है।

शुक्रवार, 5 अप्रैल 2024

32. महिला-सशक्तिकरण सह जनसंख्या-नियंत्रण

 32.1 बिना किसी शैक्षणिक योग्यता के बन्धन के 16 से 20 वर्ष तक की अविवाहित महिलाओं को भर्ती करते हुए एक अर्द्धसैन्य बल— ‘भारतीय राष्ट्रीय महिला सेना’— का गठन किया जायेगा।

32.2 उपर्युक्त भर्ती के समय जनसंख्या वृद्धि के लिये जो सामाजिक तबके और भौगोलिक क्षेत्र मुख्य रूप से जिम्मेवार हैं, उन तबकों तथा क्षेत्रों को प्राथमिकता दी जायेगी।

32.3 इस अर्द्धसैन्य बल में महिलाओं को 28 वर्ष की उम्र में नौकरी छोड़ने की छूट होगी, ताकि वे विवाह कर सामान्य गृहस्थ जीवन बिता सकें। (नौकरी नहीं छोड़ने वाली महिलाओं को भी 28 वर्ष की उम्र के बाद ही विवाह की अनुमति दी जायेगी।)

32.4 नौकरी छोड़ते समय जितने वर्षों की सेवा किसी महिला ने की होगी, उतने ही वर्षों का अतिरिक्त वेतन उन्हें एकमुश्त धनराशी के रूप में दिया जायेगा।

32.5 यहाँ महिला अर्द्धसैनिकों के लिये सामान्य शिक्षा-दीक्षा, खेल-कूद, हस्तशिल्प इत्यादि की भी व्यवस्था होगी।

32.6 महिला सेना के लिए अलग से छावनियाँ नहीं बनाकर जिला स्तर पर बनने वाले खेल गाँवमें इनके लिए आवास की व्यवस्था की जायेगी, ताकि आपात्कालीन परिस्थितियों में अर्द्धसैनिकों का कर्तव्य निभाने के बाद बाकी समय में यह खेल-गाँव की देख-भाल कर सके।

 

असैनिक नौकरियों में भी

32.7 अन्यान्य सरकारी नौकरियों में भी महिलाओं को 28 वर्ष की उम्र में नौकरी छोड़ने, एकमुश्त धनराशी (जितने वर्षों की सेवा उन्होंने की है, उतने ही वर्षों के वेतन के बराबर) प्राप्त करने की छूट होगी; साथ ही, नौकरी न छोड़ने की दशा में विवाह करने की अनुमति उन्हें 28 की उम्र के बाद ही प्रदान की जायेगी।

32.8 महिला सेना या असैनिक (नागरिक) सेवा की जो महिला 28 की उम्र से पहले विवाह कर लेती हैं, उन्हें भी 28 वर्ष की उम्र में नौकरी छोड़ते समय एकमुश्त धनराशि का लाभ दिया जायेगा— बशर्ते कि वे तब तक माँ नहीं बनी हों।

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