अगर नेताजी सुभाष “दिल्ली पहुँच” जाते, तो जो तीन काम वे सबसे पहले करते, वे होते- 1. “औपनिवेशिक” शासन व्यवस्था को पूरी तरह से हटाकर समाजवादी किस्म की एक भारतीय व्यवस्था कायम करना, 2. देश के गद्दारों को राजनीति की मुख्यधारा से अलग करना (शायद वे उन्हें निर्वासित ही कर देते) और 3. भारतीय प्रशासन, पुलिस एवं सेना के सिर से “ब्रिटिश हैंग-ओवर” का भूत (अधिकारियों द्वारा जनता एवं मातहतों को गुलाम समझने की मानसिकता) उतारना। इसके बाद वे निम्न पाँच काम करते- 1. दस (या बीस) वर्षों के अन्दर हर भारतीय को सुसभ्य, सुशिक्षित, सुस्वस्थ एवं सुसंस्कृत बनाना, 2. हर हाथ को रोजगार देते हुए दबे-कुचले लोगों के जीवन स्तर को शालीन बनाना, 3. गरीबी-अमीरी के बीच की खाई को एक जायज सीमा के अन्दर नियंत्रित रखना, 4. देशवासियों को राजनीतिक रूप से इतना जागरूक बनाना कि शासन-प्रशासन के लोग उन पर हावी न हो सकें और 5. प्रत्येक देशवासी के अन्दर “भारतीयता” के अहसास को जगाना। इसके बाद ही वे नागरिकों के हाथों में “मताधिकार” का अस्त्र सौंपते। देखा जाय, तो यह अवधारणा आज भी प्रासंगिक है और इसी आधार पर यह दसवर्षीय “भारतीय राष्ट्रीय सरकार” का घोषणापत्र प्रस्तुत किया जा रहा है।

शुक्रवार, 5 अप्रैल 2024

33. देह-व्यापार

 33.1 देह-व्यापार उन्मूलन की दिशा में पहले से कार्यरत सामाजिक संगठनों को सरकार की ओर से इस कुप्रथा को समाप्त करने के लिये अधिकृत किया जायेगा और उन्हें हर प्रकार की सहायता उपलब्ध करायी जायेगी।

33.2 इस व्यापार से जुड़ी महिलाओं के पुनर्वास के लिये राष्ट्रीय सरकार कुछ विशेष उद्योग (जैसे— सेना, पुलिस, विद्यालय और अन्यान्य सरकारी विभागों के लिये वर्दियों का सिलाई केन्द्र) स्थापित करेगी और इनके बच्चों की शिक्षा-दीक्षा के लिये अलग से आवासीय विद्यालय तथा महाविद्यालय भी स्थापित करेगी। (हालाँकि देश के किसी भी विद्यालय/महाविद्यालय में दाखिला लेने के लिये वे स्वतंत्र होंगे।)

33.3 जो महिलाएं अपनी इच्छा से इस पेशे में रहना चाहें, उन्हें राज्य सरकार द्वारा बाकायदे पंजीकृत किया जायेगा और उन्हें अलग से एक पहचानपत्र (नागरिक पहचानपत्र के अलावे) दिया जायेगा, जिसमें नियमित डॉक्टरी जाँच के ब्यौरे भी दर्ज होंगे।

33.4 उपर्युक्त पहचानपत्रधारक के अलावे किसी और के द्वारा देह-व्यापार करना अनैतिक तो माना जायेगा ही, किसी तीसरे पक्ष द्वारा पुलिस-प्रशासन को शिकायत मिलने की दशा में इसे अपराध भी माना जायेगा।

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