अगर नेताजी सुभाष “दिल्ली पहुँच” जाते, तो जो तीन काम वे सबसे पहले करते, वे होते- 1. “औपनिवेशिक” शासन व्यवस्था को पूरी तरह से हटाकर समाजवादी किस्म की एक भारतीय व्यवस्था कायम करना, 2. देश के गद्दारों को राजनीति की मुख्यधारा से अलग करना (शायद वे उन्हें निर्वासित ही कर देते) और 3. भारतीय प्रशासन, पुलिस एवं सेना के सिर से “ब्रिटिश हैंग-ओवर” का भूत (अधिकारियों द्वारा जनता एवं मातहतों को गुलाम समझने की मानसिकता) उतारना। इसके बाद वे निम्न पाँच काम करते- 1. दस (या बीस) वर्षों के अन्दर हर भारतीय को सुसभ्य, सुशिक्षित, सुस्वस्थ एवं सुसंस्कृत बनाना, 2. हर हाथ को रोजगार देते हुए दबे-कुचले लोगों के जीवन स्तर को शालीन बनाना, 3. गरीबी-अमीरी के बीच की खाई को एक जायज सीमा के अन्दर नियंत्रित रखना, 4. देशवासियों को राजनीतिक रूप से इतना जागरूक बनाना कि शासन-प्रशासन के लोग उन पर हावी न हो सकें और 5. प्रत्येक देशवासी के अन्दर “भारतीयता” के अहसास को जगाना। इसके बाद ही वे नागरिकों के हाथों में “मताधिकार” का अस्त्र सौंपते। देखा जाय, तो यह अवधारणा आज भी प्रासंगिक है और इसी आधार पर यह दसवर्षीय “भारतीय राष्ट्रीय सरकार” का घोषणापत्र प्रस्तुत किया जा रहा है।

शुक्रवार, 5 अप्रैल 2024

52. सड़क

 52.1 देश में सड़कों के जाल को निम्न प्रकार व्यवस्थित किया जाएगाः

(क) राज्यों की 54 राजधानियों (तथा कुछ बड़े शहरों) को जोड़ने वाली सड़कें अधिकतम 50 फीट चौड़ी होंगी, ये राष्ट्रीय राजपथ होंगी और इनकी देखभाल तथा इन पर नियंत्रण राष्ट्रीय सरकार का होगा।

(ख) एक राज्य के 9 जिला शहरों को जोड़ने वाली सड़कें अधिकतम 40 फीट चौड़ी होंगी, ये राज्य राजपथ होंगी और इनकी देखभाल तथा इन पर नियंत्रण राज्य सरकार का होगा।

(ग) एक जिले के अन्दर के 9 प्रखण्ड शहरों को जोड़ने वाली सड़कें अधिकतम 30 फीट चौड़ी होंगी, इन जिला-पथों की देखभाल तथा इन पर नियंत्रण जिला प्रशासन का होगा।

(घ) एक प्रखण्ड के अन्दर विभिन्न कस्बों, गांवों को जोड़ने वाली सड़कें अधिकतम 20 फीट चौड़ी होंगी, इन प्रखंड-पथों की देखभाल तथा इन पर नियंत्रण प्रखंड प्रशासन का होगा।

(ङ) महानगर, नगर, गाँव के अन्दर की सड़कों की देखभाल तथा इन पर नियंत्रण क्रमशः महानगरपरिषद, नगरपरिषद, ग्राम पंचायत का होगा।

52.2 कुछ प्रमुख व्यवसायिक केन्द्रों को आपस में जोड़ते हुए कुछ फ्लाइओवर मालवाहक सड़कों का भी निर्माण किया जा सकता है।

 

फ्लाइओवर साइकिल ट्रैक

52.3 अधिक जनसंख्या घनत्व वाले नगरों/महानगरों में साइकिल ट्रैक बनाये जायेंगे, जिसकी निम्न विशेषताएं होंगीः

(क) ये ट्रैक फ्लाइओवर यानि खम्भों पर बने होंगे, इनकी संरचना मकड़ी के जालेपर आधारित होगी और ये छायादार होंगे।

(ख) इन मकड़जालसाईकिल ट्रैकों पर हर प्रकार की साइकिलें पर्याप्त मात्र में उपलब्ध रहेंगी, लोग सस्ते में टिकट कटाकर इन ट्रैकों पर आयेंगे और कोई भी साईकिल उठाकर (नगर/महानगर) के अन्दर कहीं भी आ-जा सकेंगे। (जाहिर है— यहाँ उपलब्ध साइकिलें खास प्रकार की होंगी— ट्यूबलेस टायर, इण्डिकेटर, हेडलाईट के साथ।)

(ग) इन ट्रैकों के प्रत्येक खम्भे पर सीढ़ियों तथा (स्वचालित) टिकट खिड़कियों की व्यवस्था रहेगी और बेशक, एक टिकट सारे दिन के लिए वैध होगा।

 

देशाटन साइकिल ट्रैक

52.4 देश के सभी प्रमुख दर्शनीय स्थलों को आपस में जोड़ते हुए भी एक फ्लाइओवर साईकिल ट्रैक का निर्माण किया जाएगा, जिसपर साहसी लोग देशाटन कर सकेंगे। (बेशक, इस ट्रैक पर जगह-जगह रात्रि-पड़ाव, भोजन-पानी इत्यादि की व्यवस्था रहेगी।)

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