अगर नेताजी सुभाष “दिल्ली पहुँच” जाते, तो जो तीन काम वे सबसे पहले करते, वे होते- 1. “औपनिवेशिक” शासन व्यवस्था को पूरी तरह से हटाकर समाजवादी किस्म की एक भारतीय व्यवस्था कायम करना, 2. देश के गद्दारों को राजनीति की मुख्यधारा से अलग करना (शायद वे उन्हें निर्वासित ही कर देते) और 3. भारतीय प्रशासन, पुलिस एवं सेना के सिर से “ब्रिटिश हैंग-ओवर” का भूत (अधिकारियों द्वारा जनता एवं मातहतों को गुलाम समझने की मानसिकता) उतारना। इसके बाद वे निम्न पाँच काम करते- 1. दस (या बीस) वर्षों के अन्दर हर भारतीय को सुसभ्य, सुशिक्षित, सुस्वस्थ एवं सुसंस्कृत बनाना, 2. हर हाथ को रोजगार देते हुए दबे-कुचले लोगों के जीवन स्तर को शालीन बनाना, 3. गरीबी-अमीरी के बीच की खाई को एक जायज सीमा के अन्दर नियंत्रित रखना, 4. देशवासियों को राजनीतिक रूप से इतना जागरूक बनाना कि शासन-प्रशासन के लोग उन पर हावी न हो सकें और 5. प्रत्येक देशवासी के अन्दर “भारतीयता” के अहसास को जगाना। इसके बाद ही वे नागरिकों के हाथों में “मताधिकार” का अस्त्र सौंपते। देखा जाय, तो यह अवधारणा आज भी प्रासंगिक है और इसी आधार पर यह दसवर्षीय “भारतीय राष्ट्रीय सरकार” का घोषणापत्र प्रस्तुत किया जा रहा है।

शुक्रवार, 5 अप्रैल 2024

31. स्वास्थ्य

 31.1 जन स्वच्छता’ (नाली, शौचालाय, स्नानागार इत्यादि) की जिम्मेवारी ग्राम पंचायतों, वार्ड/नगर/महानगर परिषदों को सौंपी जायेगी।

31.2 जन स्वास्थ्य’ (सामान्य व्याधियों का ईलाज, टीकाकरण आदि) की जिम्मेवारी राज्य सरकारों की होगी। (हालाँकि जरूरत पड़ने पर राष्ट्रीय सरकार मदद करेगी।)

31.3 जन चिकित्सा’ (बड़े ईलाज, ऑपरेशन इत्यादि) की जिम्मेवारी राष्ट्रीय सरकार उठायेगी। (राज्य सरकार चाहे, तो अपनी समानान्तर चिकित्सा व्यवस्था कायम कर सकती है।)

31.4 जन चिकित्सा के अंतर्गत पंचायत/वार्ड स्तर पर चिकित्सालय’, प्रखण्ड/नगर/उपमहानगर स्तर पर अस्पतालऔर जिला/महानगर स्तर पर बड़े अस्पतालस्थापित किये जायेंगे।

31.5 इन चिकित्सालय और अस्पतालों में सामाजार्थिक रूप से पिछड़े वर्ग के मरीजों से सामान्य ईलाज का 5 प्रतिशत, मध्यम आयवर्ग वालों से 50 प्रतिशत और उच्च आयवर्ग वाले मरीजों से ईलाज का 90 प्रतिशत शुल्क लिया जायेगा।

31.6 उपर्युक्त शुल्क के भुगतान के लिए कोई दवाब नहीं होगा— मरीजों/उनके परिजनों को एक खाता संख्याके साथ बिल दिया जायेगा और यह कहा जायेगा कि वे स्वयं ही इस खाते में— जब चाहें, तब— शुल्क जमा करवा दें। (यह एक तरह से नागरिकों में ईमानदारी और जिम्मेदारी की भावना का लिटमस टेस्टहोगा।)

31.7 बड़े, महँगे एवं प्राण-रक्षा से जुड़े ईलाज या ऑपरेशन का शत-प्रतिशत खर्च राष्ट्रीय सरकार उठायेगी। (अगर कोई समर्थ नागरिक या संस्था चाहे, तो ऐसे ईलाजों का खर्च वहन कर सकेगी।)

31.8 इन चिकित्सालय और अस्पतालों में आयुर्वेद एवं होम्योपैथ के भी विभाग होंगे।

31.9 योगासन, प्राकृतिक चिकित्सा, एक्यूप्रेशर-जैसी प्राकृतिक, सुरक्षित एवं सस्ती विधाओं से लोगों का ईलाज करने वाले व्यक्तियों एवं संस्थाओं को राष्ट्रीय सरकार द्वारा पंजीकृत कर उन्हें नियमित अनुदान देने की व्यवस्था की जायेगी।

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