अगर नेताजी सुभाष “दिल्ली पहुँच” जाते, तो जो तीन काम वे सबसे पहले करते, वे होते- 1. “औपनिवेशिक” शासन व्यवस्था को पूरी तरह से हटाकर समाजवादी किस्म की एक भारतीय व्यवस्था कायम करना, 2. देश के गद्दारों को राजनीति की मुख्यधारा से अलग करना (शायद वे उन्हें निर्वासित ही कर देते) और 3. भारतीय प्रशासन, पुलिस एवं सेना के सिर से “ब्रिटिश हैंग-ओवर” का भूत (अधिकारियों द्वारा जनता एवं मातहतों को गुलाम समझने की मानसिकता) उतारना। इसके बाद वे निम्न पाँच काम करते- 1. दस (या बीस) वर्षों के अन्दर हर भारतीय को सुसभ्य, सुशिक्षित, सुस्वस्थ एवं सुसंस्कृत बनाना, 2. हर हाथ को रोजगार देते हुए दबे-कुचले लोगों के जीवन स्तर को शालीन बनाना, 3. गरीबी-अमीरी के बीच की खाई को एक जायज सीमा के अन्दर नियंत्रित रखना, 4. देशवासियों को राजनीतिक रूप से इतना जागरूक बनाना कि शासन-प्रशासन के लोग उन पर हावी न हो सकें और 5. प्रत्येक देशवासी के अन्दर “भारतीयता” के अहसास को जगाना। इसके बाद ही वे नागरिकों के हाथों में “मताधिकार” का अस्त्र सौंपते। देखा जाय, तो यह अवधारणा आज भी प्रासंगिक है और इसी आधार पर यह दसवर्षीय “भारतीय राष्ट्रीय सरकार” का घोषणापत्र प्रस्तुत किया जा रहा है।

शुक्रवार, 5 अप्रैल 2024

30. नशा

 30.1 शराब, सिगरेट, गुटखा-जैसे किसी भी नशीले पदार्थ के किसी भी रूप में विज्ञापन पर प्रतिबन्ध लगाया जायेगा— उल्लंघन करने वाली कम्पनी को बन्द ही कर दिय जायेगा।

30.2 मदिरालय (बार) और शराब आदि की दुकानें सप्ताह में एक दिन शनिवार को दोपहर 12 बजे से बारह घण्टों के लिए खुलेंगी; इस समय के अलावे किसी और समय में शराब खरीदन व बेचने पर प्रतिबन्ध होगा— उल्लंघन करने वालों पर जुर्माना लगाया जायेगा।

30.3 ग्रामीण एवं कबीलाई इलाकों में पंचायतों से कहा जायेगा कि वे अपने क्षेत्र के नागरिकों को मद्यपान छोड़ने, या फिर, सप्ताह में सिर्फ एक दिन मद्यपान के लिये प्रेरित करें। (जरूरत पड़े, तो सामूहिक रूप से शपथ उठायी जाय।)

30.4 बसन्त काल में महीने भर के लिये उपर्युक्त प्रतिबन्धों में थोड़ी-बहुत छूट दी जा सकेगी— हालाँकि अशालीन व्यवहार की शिकायत मिलने पर छूट वापस भी ले ली जायेगी।

30.5 अवैध मादक द्रव्यों के व्यापार से जुड़े अपराध के लिये एक संक्षिप्त अदालती प्रक्रिया (सेना के कोर्ट मार्शल-जैसी) बनायी जायेगी और इस अपराध के दोषियों के लिए मृत्यु पर्यन्त जेल की सजा तय की जायेगी।

30.6 तम्बाकू के स्थान पर कुछ लाभदायक जड़ी-बूटियों और कागज के स्थान पर किसी पत्ते का इस्तेमाल करते हुए सिगरेट/सिगार/बीड़ी बनाने की सलाह तम्बाकू-कम्पनियों को दी जायेगी और योजना सफल होने पर तम्बाकू तथा कागज से बनने वाली सिगरेट का भारत में उत्पादन एवं आयात बन्द करने पर विचार किया जायेगा— बेशक, तम्बाकू वाली बीड़ी के उत्पादन/आयात को भी बन्द करने पर विचार होगा।

30.7 गुटखों पर भी पूर्ण प्रतिबन्ध लगाया जायेगा।

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