अगर नेताजी सुभाष “दिल्ली पहुँच” जाते, तो जो तीन काम वे सबसे पहले करते, वे होते- 1. “औपनिवेशिक” शासन व्यवस्था को पूरी तरह से हटाकर समाजवादी किस्म की एक भारतीय व्यवस्था कायम करना, 2. देश के गद्दारों को राजनीति की मुख्यधारा से अलग करना (शायद वे उन्हें निर्वासित ही कर देते) और 3. भारतीय प्रशासन, पुलिस एवं सेना के सिर से “ब्रिटिश हैंग-ओवर” का भूत (अधिकारियों द्वारा जनता एवं मातहतों को गुलाम समझने की मानसिकता) उतारना। इसके बाद वे निम्न पाँच काम करते- 1. दस (या बीस) वर्षों के अन्दर हर भारतीय को सुसभ्य, सुशिक्षित, सुस्वस्थ एवं सुसंस्कृत बनाना, 2. हर हाथ को रोजगार देते हुए दबे-कुचले लोगों के जीवन स्तर को शालीन बनाना, 3. गरीबी-अमीरी के बीच की खाई को एक जायज सीमा के अन्दर नियंत्रित रखना, 4. देशवासियों को राजनीतिक रूप से इतना जागरूक बनाना कि शासन-प्रशासन के लोग उन पर हावी न हो सकें और 5. प्रत्येक देशवासी के अन्दर “भारतीयता” के अहसास को जगाना। इसके बाद ही वे नागरिकों के हाथों में “मताधिकार” का अस्त्र सौंपते। देखा जाय, तो यह अवधारणा आज भी प्रासंगिक है और इसी आधार पर यह दसवर्षीय “भारतीय राष्ट्रीय सरकार” का घोषणापत्र प्रस्तुत किया जा रहा है।

शुक्रवार, 5 अप्रैल 2024

35. विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी

 35.1 जिस देश के वैज्ञानिक, इंजीनियर, तकनीशियन, डिजाइनर इत्यादि मिलजुलकर हाइड्रोजन बम, सुपर कम्प्यूटर, अन्तरमहाद्वीपीय मिसाइल, कृत्रिम उपग्रह इत्यादि बना सकते हैं; वे देश के लिए कुछ भी बना सकते हैं; अतः भारत में सूई से लेकर वायुयान-जलपोत तक हर आवश्यक वस्तु का निर्माण शुरू किया जायेगा। (भारत अपने-आप में एक महादेश भी है, अतः यहाँ हर प्रकार के संसाधन मौजूद हैं।)

35.2 अगर प्रतिभाओं की कमी महसूस की गयी, तो राष्ट्रीय सरकार की ओर से विदेशों में कार्यरत भारतीय वैज्ञानिकों आदि के नाम इस आशय की एक अपील जारी की जायेगी कि भारत माँ को जरूरत आन पड़ी है, और वह विदेशों में जा बसने वाली अपनी मेधावी सन्तानों को वापस बुला रही है...।

35.3 एक सम्पूर्ण भारतीय कम्प्यूटर प्रणाली— जिसमें प्रोसेसर, ऑपरेटिंग सिस्टम से लेकर सभी प्रकार के हार्डवेयर-सॉफ्टवेयर भारतीय होंगे और जो भारतीय वर्णमालाओं पर आधारित होगी— बनाने की बात अध्याय- 38 में की जा रही है। (बेशक, एक भारतीय इण्टरनेट भी होगा।)

35.4 समुद्रजल के ड्यूटेरियम के नाभिकीय संगलन से ऊर्जा पाने, सुपर कण्डक्टर बनाने, सौर-ऊर्जा को किफायती बनाने के लिए राष्ट्रीय सरकार प्रयोगशालाएं स्थापित करेगी।

35.5 फ्लाइओवर साइकिल ट्रैक (क्रमांक- 52.3), फ्लाइओवर रेलवे (क्रमांक- 51.5 (क)), राष्ट्रीय जलाशय परियोजना (क्रमांक- 15.9)-जैसी कई योजनाओं का जिक्र प्रस्तुत घोषणापत्र में है, जो देश के वैज्ञानिकों, इंजीनियरों, तकनीशियनों, डिजाइनरों के सामने चुनौतियाँ पेश करेंगी।

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